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What is the meaning of Nap, what is power nap, benifits of nap, how long should a nap be, everything about Nap in hindi

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Everything about Nap;nap meaning, power nap, benifits of nap, duration of nap etc. वर्तमान की जीवन शैली में इतने परिवर्तन आ चुके हैं कि हमें सुकून से सोने का वक्त भी नहीं मिलता। बहुत सारे लोग काम में इतने लगे हुए हैं कि उन्हें सोने में कटौती करनी पड़ती है। लेकिन इसमें कोई संदेह नहीं है कि कम सोना हमारे शरीर के लिए बहुत ही ज्यादा मात्रा में हानिकारक होता है। इसे कोई side effects होते हैं जो हमें प्रभावित करते हैं। तो इस समस्या का समाधान यह है कि हम Nap लें।  What is nap?लेकिन ये Nap होता क्या है ? Nap‌ का सीधा सा मतलब है कि कुछ समय के लिए सोना, अक्सर Nap‌ दिन में लिया जाता है। जो हम दोपहर को सोते हैं वही होता है  Nap‌ ‌‌। What is the difference between sleep and nap?लेकिन ये Nap‌ ‌‌और सामान्य सोने में अंतर क्या है ? जब हम रात को सोते हैं , एक अच्छे नींद का समय कम से कम 6-8 घंटों का होता है। लेकिन जो Nap‌ का समय होता है वो 15 मिनट से लेकर ज्यादा से ज्यादा 1घटें का होता है। हमारे सोने के समय को  sleep cycle में बांटा गया है।  एक sleep cycle   90 मिन...

Advance communication skills and techniques in hindi

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Advance communication skills and techniques in hindi आज की 21वीं सदी में हमें कुछ विशेष प्रकार की कौशल विकसित करना लाज़मी हो गया है। आज की दुनिया बहुत तेज गति से बदल रही है। इसलिए हमें अपने अंदर भी बदलाव लाना होगा। वह बदलाव जिससे हम दूसरों से बेहतर बन सके, बेहतर सोच सके, बेहतर कर सकें।  उसी कड़ी में आता है communication skill, जिसे अपने अंदर विकसित करना एक अच्छा विकल्प है या कहीं एक जरूरी कला है। communication skill का मतलब होता है की हम दूसरों से कैसे बात करते हैं ?हमारी शैली क्या रहती है ? हम कैसा तरीका अपनाते हैं और कौन सा तरीका अच्छा होता है किसी विशेष के बारे में बात करना ? हमारी communication skill हमारे व्यक्तित्व को और ज्यादा निखारती है। जिससे हम दूसरों से ज्यादा आकर्षित दिखते हैं, लोग हमें ज्यादा भरोसेमंद समझते हैं। हम कहीं पर भी किसी का ध्यान आकर्षित करने में जल्दी सफल हो जाते हैं । इस वजह से हमारे कई काम बहुत आसानी से और किफायती तरीके से हो जाता है।  आसान भाषा में कहें तो communication skill का मतलब होता है चालाकी से बात करना। लेकिन बहुत सारे लोगों की co...

Side-effects of smartphone on brain......

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 Do really smartphones dangerous for brain ? Let's find it out..... क्या smartphone से‌ दिमाग पर खराब प्रभाव पड़ता है ?‌  आजकल smartphone हमारे जीवन का अभिन्न अंग बन गये हैं। बीना smartphone के आज लोग दिन नहीं गुजर  पाएंगे। लगभग हर कार्य smartphone के द्वारा हो जाता है। मानव जीवन को सहज बनाने में ये काफी मददगार है। लेकिन smartphone के ऐसे कई तथ्य सामने आए हैं जो हमारे दिमाग को बुरी तरह प्रभावित करता है। मस्तिष्क पर स्मार्टफोन के प्रभाव क्या हैं? आज स्मार्टफोन की व्यापकता को देखते हुए, यह स्वास्थ्य चिकित्सकों, मानसिक स्वास्थ्य पेशेवरों, शिक्षकों, माता-पिता, के लिए रुचि का प्रश्न है।  यदि आपको अपने स्मार्टफोन के बिना एक दिन जाने के लिए कहा जाता है, तो क्या आपको लगता है कि आप इसे आसानी से कर सकते हैं? शोधकर्ताओं ने विभिन्न समय के लिए प्रतिभागियों को अपने फोन के बिना जाने के लिए कहा है। मगर उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। संज्ञानात्मक क्षमता/cognitive ability संज्ञानात्मक क्षमता(cognitive ability ) को एक "मानसिक क्षमता" के रूप में परिभाषित किया जा सक...

How village life is different from city life-ग्रामीण जीवन सहरी जीवन से कैसे अलग होता है?

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इस में कोई युक्ति नहीं है कि भारत का जीवन उसके गांव में बसता है। शदियों पहले जब मानव विकास के पथ पर जा रहा था तब से ग्रामीण जीवन का आरंभ हुआ। भारत को गांव का देश भी कहा जाता है।आज भारत की छवि कुछ भी हो मगर भारत की सही पहचान तो उसके गांव में ही है। हमें यह लगता है की भारत के गांव ही सच्चे गांव की परिभाषा हैं। लेकिन आज जब समय के साथ परिवर्तन हो रहे हैं गांव के अलावा भी बहुत सारे शहर बन चुके हैं और बन रहे हैं। इस कड़ी में हमारे जीवन शैली पर भी कई सारे परिवर्तन आए हैं।एक ग्रामीण जीवन से शहरी जीवन कई मायनों में अलग होते हैं। तो चलिए आज उन दिशाओं में नजर घूमाते हैं। 1.ग्रामीण लोग प्रकृति से घिरे रहना पसंद करते हैं,जबकि शहर वासियों को ये नसीब नहीं होता।         2.सुबह जल्दी उठना,खेतों में काम करना ग्रामीणों को आनंद देते हैं,मगर ज्यादातर शहरवासी यह सब नहीं कर पाते। 3.भारत के गांव में पारंपरिक भारत के चित्र दिखती है लेकिन ज्यादातर शहरवासी पश्चिमी संस्कृति के प्रति आकर्षित हो रहे हैं।वर्तमान समय में यह सब कुछ मात्रा में गांव में भी दिखाई दे रहे हैं। ...

Childhood memories-बचपन की यादें

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मानव जीवन का सबसे पहला अवस्था बचपन होता है।यकिन मानिए सबसे अच्छा, यादगार, खुशहाल समय यही होता है। बचपन में एक ऐसी सादगी होती है जो शायद शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। ये तय करना मुश्किल है कि बच्चों में भगवान होते हैं इसलिए वो जीवन के आनंद लेते हैं या फिर जीवन का आनंद लेते हैं जो भगवान होते हैं। लेकिन जो भी हो बड़ा ही यादगार होता है बचपन। तो चलिए आज हम और आप खो जाते हैं उन हसीन पलों को याद करते हुए। याद किजीए आपके उन सुनहरे यादों को। भुल जाईए वर्तमान के सारे गम को बस आनंद लिजीए उन लम्हों का। - याद किजीए उस घटना को, चाहें आप कहीं पर भी सो जाओ पर सुबह तो आंख बिस्तर पर ही खुलता था। हमें कुछ याद नहीं होता था, पर मजा बहुत आता था। - सुबह से शाम तक कोई टेंशन नहीं होता था सिर्फ मस्ती मजाक और खेल कूद। - उस वक्त घड़ी किसी के पास नहीं था पर समय सबके पास था। लेकिन आज सबके पास घड़ी है मगर समय किसी के पास नहीं है। - उन दिनों की  बात ही कुछ और थी। तब के ‌एक दो रुपए आज के सैकड़ों रुपयों से ज्यादा खुशी देती थी। - भाई बहन और दोस्तों के साथ बचपन के वो लुका-छिपी,चोर-पुलिस आ...